Shodashi - An Overview

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You will discover hundreds of great things about chanting the Shodashi Mantra, from which The most crucial kinds are described beneath:

अष्टैश्वर्यप्रदामम्बामष्टदिक्पालसेविताम् ।

The Mahavidya Shodashi Mantra aids in meditation, enhancing internal relaxed and concentration. Chanting this mantra fosters a deep perception of tranquility, enabling devotees to enter a meditative condition and connect with their internal selves. This gain enhances spiritual consciousness and mindfulness.

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साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।

चतुराज्ञाकोशभूतां नौमि श्रीत्रिपुरामहम् ॥१२॥

ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य

देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं

हन्यादामूलमस्मत्कलुषभरमुमा भुक्तिमुक्तिप्रदात्री ॥१३॥

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं get more info है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

श्रीमत्सिंहासनेशी प्रदिशतु विपुलां कीर्तिमानन्दरूपा ॥१६॥

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